Apr 26 2024, 18:59
डीएम के आदेश पर जनपद में विद्यालयों के संचालन का समय बदला
गोण्डा। जनपद में अत्यधिक गर्मी/ हीट वेव के दृष्टिगत कक्षा 01 से कक्षा 08 तक के सभी परिषद एवं मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संचालन के समय में परिवर्तन किया गया है।
अब आगामी 28 अप्रैल 2024 सुबह 7:30 बजे से 11:00 बजे तक कक्षाएं संचालित होगी। वहीं, 29 अप्रैल से अग्रिम आदेशों तक सुबह 7:30 बजे से दोपहर 1:00 तक कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। उधर, गर्मी में लू (हीट स्ट्रोक) से बचाव दृष्टिगत गोण्डा वासियों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है।
इस मौसम में सावधानी बरतने को कहा है। साथ ही, जनपद वासियों को राहत देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।
बस स्टॉप पर यह व्यवस्थाएं
जिलाधिकारी ने अपने आदेश में सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी को सभी बस स्टॉप, टेम्पो स्टॉप पर हीट स्ट्रोक के संबंध में प्रचार प्रसार करने को कहा गया है। यहां, यात्रियों के बैठने के लिए शेड, पीने के पानी और ओआरएस पैकेट्स की व्यवस्था करनी होगी। सभी लम्बी दूरी की बसों में ओआरएस पैकेट्स और पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को सभी ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के बचाव के संबंध में आवश्यक जागरूकता कार्यक्रम संचालित करना होगा। सभी पशु चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। स्टाफ को ग्रामीण क्षेत्रों का निरंतर फील्ड विजिट करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
प्रचार माध्यमों पर हीट वेव लू की चेतावनी पर ध्यान दें।
अधिक से अधिक पानी पीयें।
पसीना शोषित करने वाले हल्के रंग के वस्त्र पहनें।
धूप के चश्में, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें।
अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें।
लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोछे अथवा नहलायें तथा चिकित्सक से संपर्क करें।
यात्रा करते समय पीने का पानी अवश्य साथ ले जायें।
ओ०आर०एस०, घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड), नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सकें।
हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सर दर्द, उबकाई, पसीना आना, मुर्छा आदि को पहचाने।
यदि मुर्छा या बीमारी अनुभव करते हैं तो तुरन्त चिकित्सीय सलाह लें।
अपने घर को ठण्डा रखें, परदे, दरवाजे आदि का कमरों को ठण्डा करने हेतु इसे खोल दें। उपयोग करें तथा शाम/रात के समय घर तथा
पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें तथा बारम्बार स्नान करें।
कार्य स्थल पर ठण्डे पीने का पानी रखें / उपलब्ध करायें।
कार्मिकों / कर्मयारियों / मजदूरों को सूर्य के सीधे सम्पर्क से बचने हेतु सावधान करें।
श्रमसाध्य कार्यों को ठण्डे समय में करने/कराने का प्रयास करें।
घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढ़ायें।
गर्भस्थ महिला कर्मियों तथा रोग ग्रस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए।
पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखें ।
यह न करें:-
जानवरों एवं बच्चों को कभी भी बन्द खड़ी गाड़ियों में अकेला न छोड़ें।
दोपहर 12:00 से 03:00 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहांतक संभव हो घर के निचली मंजिल पर रहें।
गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें।
जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें।
* अधिक प्रोटीन तथा बासी एवं संक्रमित खाद्य एवं पेय पदार्थों का प्रयोग न करें।
Apr 26 2024, 18:59